सरकार ने BKTC को दिए कानूनी जांच के निर्देश, द्वादश ज्योतिर्लिंगों में केदारनाथ है ग्यारहवां ज्योतिर्लिंग,श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट दिल्ली के अध्यक्ष ने भी दी सफाई।

सरकार ने BKTC को दिए कानूनी जांच के निर्देश, द्वादश ज्योतिर्लिंगों में केदारनाथ है ग्यारहवां ज्योतिर्लिंग,श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट दिल्ली के अध्यक्ष ने भी दी सफाई।
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देहरादून– 10 जुलाई को दिल्ली के बुराड़ी में उत्तराखंड के चारों धामों में से एक प्रमुख श्री केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर का भूमि पूजन और शिलान्यास किया गया। जिसके बाद से ही उत्तराखंड में बवाल शुरू हो गया है। दिल्ली में श्री केदारनाथ नाम से बनाए जा रहे मंदिर को लेकर चारों धामों में पंडा पुरोहितों ने विरोध दर्ज करवाया और श्री केदारनाथ धाम में पुरोहितों ने धरना प्रदर्शन कर नाम में बदलाव की मांग की है। वहीं इस पूरे मामले को लेकर सियासत भी होने लगी है। बद्री केदार मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने इस पर आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री धामी पर दुस्साहस करने का आरोप लगाया है।

10 जुलाई को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली के बुराड़ी में श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट दिल्ली की ओर से बनाए जा रहे केदारनाथ धाम निर्माण को लेकर आयोजित शिलान्यास कार्यक्रम में प्रतिभाग किया था। सीएम ने दिल्ली में निर्मित होने वाले केदारनाथ धाम के मंदिर का भूमि पूजन किया, जिसका अब विरोध होने लगा है। चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत इसका पुरजोर विरोध कर रही है। तीर्थ पुरोहितों का आरोप है कि सरकार अब चारों धामों के दर्शन दिल्ली में करवाने की तैयारी कर रही है क्या ? यह सनातन धर्म के साथ ही संस्कृति का घोर अपमान भी है। दूसरी तरफ दिल्ली में श्री केदारनाथ धाम के नाम से मंदिर का भूमि पूजन किए जाने पर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने नाराजगी जताते हुए केदारनाथ धाम ट्रस्ट और उत्तराखंड राज्य सरकार से सवाल किया है।

उन्होंने कहा है कि आखिर क्यों केदारनाथ धाम के नाम से राजधानी दिल्ली में मंदिर बनाया जा रहा है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम के अस्तित्व और महत्व को कम करने की किसी भी योजना को सफल नहीं होने दिया जाएगा। वहीं नई दिल्ली में केदारनाथ ट्रस्ट द्वारा निर्मित किये जा रहे केदारनाथ मंदिर निर्माण के कार्यक्रम में शामिल होने वाले महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानन्द गिरि जी महाराज ने कहा है कि ट्रस्ट द्वारा बनाये जा रहे मंदिर के संबंध में राजनीति की जा रही है। इससे पूर्व इंदौर मध्य प्रदेश में बिरला जी द्वारा केदारनाथ मंदिर की स्थापना की गई है तथा ऐसे बहुत से मंदिर हैं जो संस्थाओं द्वारा इस नाम से बनाये गये हैं। उन्होंने कहा कि केदारनाथ ज्योतिर्लिंग की स्थापना आदि शंकराचार्य द्वारा की गयी है, केदारनाथ धाम का कोई प्रतीकात्मक, सकारात्मक प्रतिबिम्ब कोई दूसरा नहीं हो सकता है, तथा केदारनाथ धाम से इसकी तुलना नहीं की जानी चहिए।

श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट के माध्यम से दिल्ली में श्री केदारनाथ मंदिर का निर्माण करने की शुरुवात की गई है। जिसके लिए बकायदा मुख्यमंत्री धामी समेत कई गणमान्य लोगो को आमंत्रित किया गया था। बकायदा मंदिर निर्माण में दान दाताओं के लिए QR कोड भी जारी किया गया है। ऐसे में अब लगातार उठते सवालों के बीच ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला ने मीडिया के सामने आकर सफाई दी है।

मामले की संवेदनशीलता को समझते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बद्री केदार मंदिर समिति को निर्देश दिए है कि जांच की जाए की केदारनाथ धाम के नाम पर अन्य किसी तरह से कोई उपयोग कर सकता है या नहीं, इसकी बीकेटीसी ने जांच और कानूनी सलाह लेनी भी शुरू की है। दूसरी तरफ सीएम धामी ने स्पष्ट कर दिया है कि श्री केदारनाथ धाम मंदिर का निर्माण अन्य कहीं नहीं किया जा रहा है।

द्वादश ज्योतिर्लिंगों में केदारनाथ ग्यारहवां ज्योतिर्लिंग है, जो साढ़े 11 हजार फीट की उंचाई पर स्थित है। कहा जाता है कि केदारनाथ में ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने से बारह ज्योतिर्लिंगों का पुण्य मिलता है। वहीं अब दिल्ली में श्री केदारनाथ धाम के निर्माण की बात पर संत समाज और नेता भी आमने सामने है। देखना दिलचस्प होगा कि क्या राज्य सरकार इस तरह के निर्माण को लेकर कोई कड़ा फैसला लेती है या नहीं।

Rupesh Negi

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