मिसरास पट्टी राजकीय इंटर काॅलेज के छात्रों को शिक्षको ने शिक्षण में आ रही समस्या को लेकर बाल आयोग की अध्यक्षा से मुलाकात, की शिकायत।
देहरादून– सहसपुर विधानसभा में डूंगा से आगे मिसरास पट्टी में राजकीय इंटर कॉलेज में तमाम खामियां सामने आयी हैं। छात्रों को ठीक से पढ़ाया नहीं जा रहा है। टीचर्स का ध्यान मोबाइल में रहता है। इन खामियों का खुलासा उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा. गीता खन्ना के निरीक्षण में हुआ।
दरसअल इस स्कूल की कुछ छात्राओं ने आयोग अध्यक्ष गीता खन्ना से शिकायत की थी यहां पर अव्यवस्था का माहौल है। पढाई ठीक से नहीं होती है। शिक्षक लापरवाही बरतते हैं। ऐसे में गीता खन्ना ने बुधवार को इस स्कूल में जाकर औचक निरीक्षण किया। फिर छात्र और छात्राओं से उनकी परेशानी पूछी। आयोग अध्यक्ष डा. गीता खन्ना ने बताया कि छात्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विज्ञान वर्ग होने के बावजूद भी कला वर्ग के विषयों को पढ़ाया जा रहा है, जबकि विद्यालय में कला वर्ग नहीं है। औचक निरीक्षण में गीता खन्ना ने पाया कि इस इस विद्यालय में शिक्षकों व अभिभावकों में तालमेल की कमी है। आयोग की टीम छात्र और छात्राओं के भविष्य के को देखते हुए प्रधानाचार्य व खंड शिक्षा अधिकारी को समस्त दस्तावेजों व विस्तृत रिपोर्ट के साथ आयोग में सुनवाई के तलब किया है।
मा0 अध्यक्ष से प्राप्त निर्देशों के क्रम में आयोग के सदस्य विनोद कपरवाण द्वारा टीम गठित करते हुये आज दिनांक 04.09.2024 को मिसरास पट्टी राजकीय इंटर काॅलेज का औचक निरीक्षण किया गया। औचक निरीक्षण में आयोग के डा0 एस0के0सिंह0, अनुसचिव, ममता रौथाण, विधि अधिकारी, ग्राम प्रधान दिवान सिंह पुण्डीर, एस0डी0एम0 विकासनगर, खण्ड शिक्षा अधिकारी सहसपुर व अभिभावकगण आदि उपस्थित रहे।
औचक निरीक्षण में प्रधानाचार्य, राजकीय इंटर काॅलेज मिसरास पट्टी द्वारा आयोग की टीम को देख हैरानी व्यक्त की गई। विद्यालय में शिक्षकों व अभिभावकों में ताल मेल में कई कमी पायी गई। छात्र छात्राओं द्वारा बताया गया कि शिक्षकों द्वारा कक्षा में नही पढाया जाता है तथा मोबाईल में पढने के लिये कहा जाता है। टीम द्वारा विद्यालय में शिक्षण को लेकर चल रही अनियमित्ताओं पर गहरा रोष व्यक्त किया गया तथा खण्ड शिक्षा अधिकारी को प्रकरण पर त्वरित कार्यवाही करते हुये रिपोर्ट आयोग के समक्ष उपस्थित करने हेतु निर्देशित किया गया। आयोग की टीम द्वारा छात्र छात्राओं के भविष्य के दृष्टिगत शिक्षण को लेकर विद्यालय द्वारा की जा रही अनियमित्तओं पर प्रधानाचार्य व खण्ड शिक्षा अधिकारी को समस्त दस्तावेजों व विस्तृत रिपोर्ट के साथ आयोग में सुनवाई हेतु तलब किया गया।