केंद्र की सहमति के बाद प्रदेश की दो तहसीलों का नाम बदल दिया, सियासत हुई शुरू
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देहरादून– उत्तराखंड सरकार ने केंद्र की सहमति के बाद प्रदेश की दो तहसीलों का नाम बदल दिया है करीब डेढ़ साल पहले मुख्यमंत्री ने जोशीमठ और कोश्याकटोली तहसील के नाम को बदलने की घोषणा की थी जिसे केंद्र ने मंजूरी दे दी है, सरकार के इस फैसले का भाजपा नेताओं ने स्वागत किया है तो वहीं विपक्ष ने इस फैसले को फिजूलखर्ची बताया है।
बुधवार को उत्तराखंड के दो जिलों में पड़ने वाली तहसील के नाम को बदला गया है प्रदेश के चमोली जिले में पड़ने वाली जोशीमठ तहसील का नाम बदलकर ज्योर्तिमठ और नैनीताल जिले में पड़ने वाली कोश्याकटोली तहसील का नाम बदलकर कैंची धाम कर दिया गया है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने करीब डेढ़ साल पहले अपनी घोषणाओ में सम्मिलित करते हुए केंद्र की अनुमति मांगी थी जिसे स्वीकार करते हुए केंद्र ने दोनों तहसील का नाम बदलने सहमति दे दी है इसके साथ ही दोनों तहसीलों के नाम को बदल दिया गया है, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि लंबे समय से जोशीमठ और कोश्याकटोली के स्थानीय लोगों और साधु संत समाज की नाम बदलने की मांग थी जिसके लिए केंद्र की सहमति का इंतजार किया जा रहा था जिसे केंद्र ने मान लिया है और दोनों तहसीलों का नाम बदल दिया गया है।
प्रदेश के दो तहसीलों के नाम बदलने पर बीजेपी के नेताओं ने इसे सरकार की उपलब्धि बताते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद किया है तो वहीं विपक्ष ने नाम बदलने को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं उत्तराखंड कांग्रेस की प्रवक्ता ने कहा है कि कोश्याकटोली का नाम बदलने का कांग्रेस स्वागत करती है लेकिन दरकते हुए जोशीमठ के लोगों को ना तो विस्थापित किया गया और ना ही उनको सही मुआवजा मिल पाया ऐसे में नाम बदलने से उन लोगों की तस्वीर नहीं बदली जा सकती। उन्होंने यह भी कहा कि इस फैसले से फिजूल खर्ची भी बढ़ेगी क्योंकि नाम बदलने के बाद कई चीजों को बदल जाता है।