राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को किया दिल्ली तलब, प्रदेश के अवैध मदरसों पर जल्द कार्यवाही।
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देहरादून– अध्यक्ष, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड में बच्चों से संबंधित कानूनों के क्रियान्वयन की वर्तमान स्थिति की समीक्षा क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियां, अच्छी प्रथाओं एवं भावी रणनीति व कार्ययोजना पर चर्चा करने हेतु Review cum consultation meeting on child rights का आयोजन सचिवालय परिसर विश्वकर्मा भवन पंचम तल स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार में आयोजित किया गया।
उक्त बैठक में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष एवं सचिव द्वारा भी प्रतिभाग किया गया। बैठक में समस्त विभागों की बाल अधिकार, बाल श्रम, नशामुक्ति, बाल विवाह, एवं पोक्सों के क्षेत्र में किये गये कार्य, विभागीय समन्वयन एवं आगामी कार्ययोजना की समीक्षा की गयी, जिसके क्रम में मा० अध्यक्ष, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा बच्चों के अधिकारों के संरक्षण, उनके प्रति होने वाले अपराधों से निपटने एवं उनकी देखरेख के लिए आवश्यक एवं त्वरित कार्यवाही प्राथमिकता के आधार पर करने के निर्देश समस्त विभागों को दिये गये। मा० अध्यक्ष द्वारा महिला कल्याण विभागान्तर्गत बाल देखरेख संस्थाओं में किये जा रहे रचनात्मक गतिविधियों नवाचारों, खेल प्रतियोगिताओं की सराहना करते हुए भविष्य में भी बच्चों के पुनर्वास के कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया।
उत्तराखंड के मदरसों में मिल रही अनियमितताओं की शिकायतों पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष मंगलवार को देहरादून के तीन मदरसों पर औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे जहां उन्हें मदरसों में कई अनियमितताएं मिलीं, आयोग के अध्यक्ष ने इन अनियमितताओं पर शिक्षा विभाग और अल्पसंख्यक विभाग को जिम्मेदार ठहराया जबकि मदरसों की समय से मैपिंग ना होने पर सभी जनपदों के जिलाधिकारी को दिल्ली तलब करने की भी तैयारी की जा रही है।
उत्तराखंड के मदरसों में चल रही कई अनियमिताओं की शिकायत का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम मंगलवार को देहरादून के तीन मदरसों में औचक निरीक्षण के लिए पहुंची, टीम ने मदरसों में उत्तर प्रदेश और बिहार से लाए गए बच्चों को रेस्क्यू किया तो वहीं दो मदरसों में हिंदू बच्चे इस्लाम धर्म की शिक्षा लेते हुए भी पाए गए राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मदरसों में हिंदू बच्चों के शिक्षा लेने के मामले में उत्तराखंड शिक्षा विभाग और अल्पसंख्यक आयोग को जिम्मेदार बताते हुए कहा है कि एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है जिसके आधार पर प्रदेश के 400 से ज्यादा अवैध मदरसों पर कार्यवाही की जाएगी, इसके साथ ही उत्तराखंड के मदरसों की समय पर मैपिंग ना होने से नाराज राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों को भी दिल्ली तलब करने जा रहा है, आयोग के अध्यक्ष का कहना है कि मदरसों को जी एक्ट के जरिए बनाया जाता है उसमें इस बात का जिक्र है कि मदरसे केवल इस्लामी शिक्षा देने का स्थान है जहां हिंदू बच्चों का कोई काम नहीं है आयोग के अध्यक्ष का कहना है कि सभी हिंदू बच्चों के परिवार से भी बात की जा रही है कि मदरसों में बच्चो को पढ़ाने के लिए उनकी सहमति थी या नहीं।