पुलिस का गुंडा राज, इस्पेक्टर ने हाजी की बेनामी सम्पति कराई पत्नी के नाम।
देहरादून/सहारनपुर– थाना मिर्जापुर में तैनात रहे इंस्पैक्टर द्वारा गरीबों की सम्पत्तियों को डरा धमकाकर पुलिस व सिंडीकेट गिरोह द्वारा अपने व अपने परिजनों के नाम पर कराने का एक और मामला उजागर हुआ है। यह जमीन भी हाजी इकबाल की बेनामी सम्पत्ति बताई जाती है।
मुख्यमंत्री सहित 12 अन्य को दिए शिकायती पत्र में सचिन सिंह ने अपने अधिवक्ता देवेंद्र शुक्ला जरिए बताया कि थाना मिर्जापुर और थाना बेहट में सक्रिय एक बड़े सिंडीकेट ने गरीब लोगों पर दबाव बनाकर उनकी सम्पत्ति का बैनामा करवा लिया। इस खेल में थाना मिर्जापुर में तैनात रहे तत्कालीन निरीक्षक नरेश कुमार ने पहले भी अवैधानिक तरीके से लगभग 25 बीघा भूमि का बैनामा अपनी पत्नी राजरानी के नाम इंदरपुर तालड़ा में करवाई थी। शिकायत सही पाए जाने पर सस्पेंड कर दिया गया था।
एक और शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई है उसके बाद अब मामला और प्रकाश में आया है जिसमें इनके द्वारा 15 जुलाई 2023 को श्रवण पुत्र फगवा निवासी ग्राम रहना तहसील बेहट से जबरदस्ती साढ़े 16 बीघा जमीन का बैनामा भी अपनी पत्नी राजरानी के नाम पर करवाया है। इसी प्रकार अन्य पुलिस वालों ने भी अपने परिजनों व रिश्तेदारों के नाम पर भूमि का बैनामा करवाया गया है। पत्र में बताया कि इस पूरे प्रकरण में मिर्जापुर के तत्कालीन एक उपनिरीक्षक का पूरा सहयोग रहा है, अब यह थाना बेहट में तैनात है।
सचिन सिंह ने बताया है कि थाना मिर्जापुर और थाना बेहट पुलिस ने भूमाफियाओं से मिलकर एक बड़ा सिंडीकेट बनाकर गरीबों की जमीनों को औने-पौने दामों में खरीद ली है और इस खेल में हसन पुत्र आरिफ, हुसैन, हिदायत, शाहनवाज पुत्र आरिफ निवासी मिर्जापुर के अलावा धनराज पुत्र नेणू, महबूब आदि ने जमीनों को अपने- अपने रिश्तेदारों के नाम करवा लिया है। उप निरीक्षक ने सिंडीकेट से मिला हुआ है इसलिए पूर्व एम. एल. सी. हाजी इकबाल की सम्पत्तियों को एन-केन प्रकारेण खुर्द-बुर्द करने में अहम भूमिका निभा रहा है। पुलिस व सिंडीकेट गिरोह द्वारा सरकारी तंत्र का मखौल बनाया जा रहा है तथा सूबे के ईमानदार मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करने का षड्यंत्र भी ऐसे भ्रष्ट अधिकारी व पुलिस मिट्टी में मिलाने का काम कर रहे हैं। सचिन सिंह ने ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।