केदारनाथ धाम में पहुंची थार गाडी, कांग्रेस ने किया विरोध।
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रुद्रप्रयाग/देहरादून– उत्तराखंड में विकास के नाम पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले कार्य लगातार जारी हैं। अब तक सड़कों और शहरी बसावटों के लिए पेड़ों का सफाया हो रहा था, लेकिन अब हद तो यह हो गई कि उच्च हिमालय में स्थित केदारधाम तक डीजल चालित वाहन पहुंचा दिया गया है। शुक्रवार को बाकायदा वायुसेना के चॉपर से थार वाहन को केदारनाथ में उतारा गया। वह भी तब जबकि यह इलाका पर्यावरणीय लिहाज से बेहद संवेदनशील है। केदारनाथ में ध्वनि और वायु प्रदूषणकारी इस वाहन को पहुंचाने के पीछे तर्क है कि इसके जरिए विशिष्ट लोगों के साथ ही बुजुर्ग, दिव्यांग श्रद्धालु आसानी से मंदिर तक आ-जा सकेंगे। वाहन का उपयोग चिकित्सा इमरजेंसी में भी किया जाएगा।
बताया गया कि यह योजना पर्यटन विभाग की है। बीते वर्ष 2023 पर्यटन विभाग ने यात्राकाल में केदारनाथ के लिए दो थार वाहन प्रस्तावित कर शासन को प्रस्ताव भेजा था। स्वीकृति मिलने पर पहला वाहन चिनूक से धाम पहुंच गया है और दूसरा वाहन भी जल्द धाम पहुंचा दिया जाएगा।
प्रदेश सरकार द्वारा केदारनाथ धाम में हैलीकॉप्टर से थार गाड़ी पहुंचाने के निर्णय को सर्वथा अनुचित बताते हुए कांग्रेस ने इसे केदारनाथ धाम में केंद्र व राज्य सरकार का केदार धाम को एक पिकनिक स्पॉट बनाने के प्रयासों में एक और कदम बताया । प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने अपने कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पर्यावरणीय दृष्टि से अति संवेदनशील केदार धाम में पहले ही अंधाधुंध कंक्रीट के निर्माण व मंदाकिनी व सरस्वती नदी में खनन से ग्लेशियर पिघल रहे हैं और अगर केदार धाम में पेट्रोल वाहन चलने शुरू हो गए तो रही सही कसर भी पूरी हो जाएगी और २०१३ से भी भयंकर आपदा उत्तराखंड के लोगों को झेलनी पड़े इसमें कोई शक नहीं। धस्माना ने कहा कि अगर किसी दिव्यांग या बीमार व्यक्ति को ले जाने का तर्क है तो उसके लिए बैटरी संचालित वाहन का उपयोग किया जा सकता है किंतु सवारी व आराम के लिए अगर थार जैसी गाड़ियों के पहुंचाने का सिलसिला सरकार कर रही है तो यह सर्वथा अनुचित है और इसे रोका जाना चाहिए।