GRD भाऊवाला स्कूल को मिली बड़ी सफलता,आपके बच्चों लिए अच्छा मौका, पढ़िए पूरी खबर।

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देहरादून में जीआरडी वर्ल्‍ड स्कूल भाऊवाला बनेगा सैनिक स्कूल, रक्षा मंत्रालय ने दी मंजूरी
रक्षा मंत्रालय ने अलग-अलग राज्यों में 21 नए सैनिक स्कूल खोलने को मंजूरी दी है। उत्तराखंड के हिस्से भी एक स्‍कूल आया है। नए स्‍कूल पीपीपी मोड पर संचालित होंगे। बता दें कि अभी तक प्रदेश में सिर्फ घोड़ाखाल में ही एकमात्र सैनिक स्कूल है
देहरादून में जीआरडी वर्ल्‍ड स्कूल भाऊवाला बनेगा सैनिक स्कूल, रक्षा मंत्रालय ने दी मंजूरी
रक्षा मंत्रालय ने अलग-अलग राज्यों में 21 नए सैनिक स्कूल खोलने को मंजूरी दी है। उत्तराखंड के हिस्से भी एक स्‍कूल आया है। नए स्‍कूल पीपीपी मोड पर संचालित होंगे। बता दें कि अभी तक प्रदेश में सिर्फ घोड़ाखाल में ही एकमात्र सैनिक स्कूल है।
रक्षा मंत्रालय ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए देशभर में 21 नए सैनिक स्कूल खोलने को मंजूरी दी है। मंत्रालय संबंधित प्रदेश की सरकार अथवा निजी स्कूल या एनजीओ के साथ पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में इन स्कूलों का संचालन करेगा। उत्तराखंड के हिस्से भी एक सैनिक स्कूल आया है। देहरादून के भाऊवाला स्थित जीआरडी वर्ल्‍ड स्कूल को इसके लिए चयनित किया गया है।

कक्षा छह में मिलेगा प्रवेश
अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा में सफल रहने वाले छात्र-छात्राओं को इन स्कूलों में कक्षा छह में प्रवेश मिलेगा। इस परीक्षा से 40 प्रतिशत छात्रों का चयन किया जाएगा। जबकि 60 प्रतिशत छात्र संबंधित स्कूल के ही रहेंगे, यदि वह सैनिक स्कूल सोसायटी पैटर्न में प्रवेश लेना चाहते हैं। आगामी मई के पहले सप्ताह से इन नए सैनिक स्कूलों में शैक्षणिक सत्र शुरू होगा।

 

राज्य में था एक मात्र सैनिक स्कूल घोड़ाखाल
बता दें, राज्य में इससे पहले एक मात्र सैनिक स्कूल घोड़ाखाल था। जिसका पूरा संचालन रक्षा मंत्रालय करता है। हालांकि रुद्रप्रयाग जिले में भी सैनिक स्कूल खोलने की कवायद पिछले कई साल से चल रही है। इसको स्वीकृति भी मिल गई थी, पर कुछ कारणों से मामला अब भी अधर में लटका हुआ है।

12वीं उत्तीर्ण करने वाले अधिकांश छात्रों का चयन एनडीए के लिए होता है। जिसके बाद वह सेना, नौसेना व वायुसेना में बतौर अधिकारी सैन्य पारी की शुरुआत करते हैं। आरआइएमसी की तरह सैनिक स्कूल में भी अपने बच्चों का दाखिला करने के लिए अभिभावकों की दिली इच्छा रहती है। लेकिन अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा और सीमित सीट के चलते चुनिंदा छात्रों का ही चयन हो पाता है।

प्रवेश के लिए आयु भी निर्धारित है। ऐसे में एक और नया सैनिक स्कूल खुलने से राज्य के प्रतिभावान छात्रों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्राप्त करने का अवसर तो मिलेगा ही, साथ ही सेना में भविष्य संवारने का शानदार मौका भी।

Rupesh Negi

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