पहाड़ी जनपदों के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भरेंगे सपनों की उड़ान,राज्य के पांच जनपदों के 80 स्कूलों को मिले डिजिटल लैब उपकरण,राज्यपाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया उपकरणों से भरा ट्रक।
देहरादून– राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती की पूर्व संध्या के अवसर पर राजभवन से प्रदेश के 80 विद्यालयों के लिए डिजिटल शिक्षण सामग्री के वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उत्तराखण्ड मानव सेवा समिति द्वारा एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के आर्थिक सहयोग से राज्य के पांच जिलों के 80 राजकीय विद्यालयों को आधुनिकतम गुणवत्तायुक्त डिजिटल शिक्षण सामग्री प्रदान की गई है।
राज्यपाल ने कहा कि इस पहल से डिजिटल शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त होगा और उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाएगा। उन्होंने कहा कि यह पहल सुदूरवर्ती और पर्वतीय क्षेत्रों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उनके शैक्षिक विकास में मील का पत्थर साबित होगी।
राज्यपाल ने कहा कि डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह कदम बेहद प्रशंसनीय है और शिक्षा को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के प्रयास सराहनीय हैं। ये वर्चुअल क्लासेस उपकरण छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड मानव सेवा समिति ने हमेशा सामाजिक सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किए हैं और इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
उत्तराखंड के पांच जनपदों में मौजूद 80 स्कूलों के लिए उत्तराखंड मानव सेवा समिति दिल्ली ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भेजे है। समिति के अध्यक्ष व पूर्व भविष्य निधि आयुक्त केंद्र सरकार बी एन शर्मा ने बताया कि सेवा के दौरान उन्होंने राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्र में समय-समय पर मेडिकल कैंप और अन्य सामाजिक कार्य किए। पहाड़ के लोगों की पीड़ा को समझते हुए उन्होंने संस्था का गठन कर सामाजिक कार्यों को गति देने का संकल्प लिया है। पर्वतीय क्षेत्र के राजकीय स्कूलों के छात्र भी आधुनिक शिक्षा और तकनीक से जुड़ सकें, इसको ध्यान में रखते हुए उनकी संस्था ने राज्य के पांच जिलों के 80 विद्यालयों के लिए प्रोजेक्टर और इससे जुड़े उपकरण उपलब्ध कराए हैं। इसमें पौड़ी जनपद में 42, रुद्रप्रयाग में 18 , टिहरी में एक अल्मोड़ा में 11 और नैनीताल जनपद के आठ राजकीय विद्यालयों में यह उपकरण उपलब्ध कराये गए।