उत्तराखण्ड़ विधानसभा का पंचम विधानसभा प्रथम सत्र बजट पारित होने पश्चात अनिश्चित काल के स्थगित।
देहरादून– उत्तराखण्ड़ विधानसभा का पंचम विधानसभा प्रथम सत्र आज 29 फरवरी 2024 को विधायी कार्य व बजट पारित होने पश्चात अनिश्चित काल के स्थगित करने की घोषणा विधानसभा अध्यक्ष , ऋतु खण्डूडी भूषण ने की । सत्र के दौरान कुल प्राप्त अल्पसूचित प्रश्न- 45, कुल प्राप्त तारांकित प्रश्न / अतारांकित प्रश्न 256, नियम 40 (2) के अन्तर्गत स्वीकार – 3, कुल – 304 प्रश्न स्वीकार हुये । अध्यक्ष खण्डूडी ने कहा कि पंचम विधानसभा का प्रथम सत्र दिनांक 26 फरवरी 2024 से प्रराम्भ होकर 29 फरवरी 2024 को समाप्त हुआ । जिसमें कुल 28 घण्टे 25 मिन्ट का बीजनेस सरकार ने दिया । विधानसभा अध्यक्ष ने सत्र को सुचारू रुप से संचालित करते हुये पीठ से बिना उठे रिकार्ड 8 घन्टे 30 मिन्ट तक सत्र का लगातार संचालन किया । दिनांक 28 फरवरी को रात्रि 11:00 बजकर 40 मीन्ट तक निर्बाध सत्र संचालित हुआ । विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विनयोग विधेयक सहित छ: (6) विधेयक पारित हुए । मा० राज्यपाल के सन्देश सहित पुनर्विचार हेतु प्राप्त दो (2) विधेयक सदन के पटल पर रखे गये । साथ ही छ: (6) याचिका स्वीकार हुई। नियम- 300 की 61 सूचनाऐं , नियम -52 की 39 सूचनाऐं , नियम 58 की 18, नियम 310 की 01 सुचनाऐं प्राप्त हुई । अध्यक्ष खण्डूडी ने सत्र व्यवस्थित रुप से संचालन में सहयोग के लिए पक्ष -विपक्ष का धन्यवाद किया। साथ सचिवालय प्रशासन, पुलिस प्रशासन सरकार के सभी विभागों सहित विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों व कर्मचारियों को धन्यवाद ज्ञांपित किया ।
उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र चौथे दिन ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। हालांकि, इससे सभी अनुदान मांगों और विनियोग विधेयक 2024 को पारित कर दिया गया। इस दौरान विपक्ष के सदस्यों ने अनुदान मांगों पर चर्चा में भाग नहीं लेने देने का आरोप लगाते हुए बेल में आकर हंगामा किया और सदन से बहिर्गमन किया।
दरअसल, भोजनावकाश के बाद सदन में विभागवार अनुदान मांगों पर चर्चा शुरू हुई। भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा ने चर्चा की शुरुआत की और 27 फरवरी को सदन में पेश बजट को ऐतिहासिक और प्रदेश के समग्र विकास में सहयोगी बताया। चर्चा चल ही रही थी कि नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सदन को बताया कि राजधानी दून के रेसकोर्स क्षेत्र में एक किशोरी की हत्या कर दी गयी है।
इतना कहने के बाद यशपाल आर्य अपनी पार्टी के वरिष्ठ विधायक प्रीतम सिंह व कुछ अन्य के साथ सदन से घटनास्थल के लिए रवाना हो गये। उधर, अनुदान मांगों पर चर्चा होती रही। चर्चा के बाद जब अनुदान मांगे पारित कराने का समय आया तो साढ़े सात बजे के करीब नेता प्रतिपक्ष और प्रीतम सिंह सदन में पहुंचे।
उन्होंने पीठ से चर्चा में भाग लेने का मौका देने की मांग की। स्पीकर रितु खंडूरी ने कहा कि बगैर किसी सूचना के आप सदन से गये थे। यह सदन का बहिष्कार करने की श्रेणी में आता है और अनुदान मांगों पर चर्चा भी खत्म हो चुकी है। इस कारण आप लोग बहस में भाग नहीं ले सकते।
इसी विषय पर सदन में हंगामा शुरू हो गया। पीठ के निर्देश पर जब विभागवार अनुदान मांगे पारित होने लगी तो कांग्रेस के यशपाल आर्य, प्रीतम सिंह, हरीश धामी आदि विधायक बेल में आय गये। पहले नारेबाजी की और बाद में धरने पर बैठ गये। इस दौरान ट्रेजरी बेच अपने विधायी कामकाज निपटाते रहे। विभागवार बजट पारित होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विनियोग विधेयक 2024 को सदन में पेश करने की अनुमति मांगी। क्योंकि चीरवार के एजेंडे में विनियोग विधेयक पर चर्चा शामिल नहीं थी।
पीठ की अनुमति मिलने के बाद संसदीय कार्य मंत्री ने विनियोग विधेयक सदन में पेश किया। इसी बीच विपक्ष के विधायक सदन से बाहर चले गये। विपक्ष के बहिर्गमन के बीच सत्ता पक्ष ने पौने आठ बजे के करीब विनियोग विधेयक यानी वित्तीय वर्ष 2024-2589230.07 करोड़ का बजट ध्वनि मत से पास करा लिया।
उसके बाद स्पीकर ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। कार्यमंत्रणा समिति ने 26 फरवरी से 1 मार्च तक का एजेंडा तय किया था। यानी एक दिन पहले सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई।