आज गंगोत्री धाम के होंगे कपाट बंद, अब तक चारधाम यात्रा में लाखो श्रद्धालुओं ने किए दर्शन।

आज गंगोत्री धाम के होंगे कपाट बंद, अब तक चारधाम यात्रा में लाखो श्रद्धालुओं ने किए दर्शन।
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देहरादून/उत्तरकाशी–

गंगोत्री धाम के कपाट आज होंगे बन्द

अन्नकूट के पावन पर्व पर बन्द होंगे कपाट

सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर बन्द होंगे कपाट

श्रद्धालुओं के लिए आगामी 6 माह के लिए कपाट होंगे बंद

मां गंगा की उत्सव डोली आज अपने मायके मुखीमठ मुखवा के लिए गंगोत्री धाम से करेगी प्रस्थान।

इस बार 22 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने से चारधाम यात्रा का आगाज हुआ। 25 अप्रैल को केदारनाथ और 27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से यात्रा पूर्ण रूप से संचालित हुई। प्रदेश सरकार ने यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया है। इसमें 75 लाख तीर्थयात्रियों पंजीकरण कराया है। अब तक 56.65 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। जो चारधाम यात्रा के इतिहास में नया रिकॉर्ड है।

उत्तराखंड स्थित चार धाम बदरीनाथ,केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री मंदिरों के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने की प्रक्रिया आज से प्रारंभ हो रही है । आज 11:45 पर गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद होंगे। 11:50 पर मां गंगा की भोग मूर्ति भैरव मंदिर के लिए रवाना होगी । बुधवार को प्रातः 8:30 बजे केदारनाथ मंदिर के कपाट और 11:45 पर यमुनोत्री मंदिर की कपाट शीतकाल के लिए बंद होंगे। अंत में बदरीनाथ मंदिर के कपाट 18 नवंबर को 3:33 पर शीतकाल के लिए बंद होंगे। इससे पहले बदरीनाथ में पंच पूजा की रस्में निभाई जाएंगी।

बदरीनाथ, केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने की तैयारियां शुरू हो गईं है। 15 नवंबर को सुबह साढ़े आठ बजे बाबा केदार के कपाट बंद होंगे। जिसके बाबा केदार की पंचमुखी डोली ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करेगी।

द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट 22 नवंबर को बंद होंगे। हेमकुंड साहिब के कपाट 11 अक्तूबर को बंद हो चुके हैं, जबकि चतुर्थ केदार रुद्रनाथ के कपाट 18 अक्तूबर और तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट 01 नवंबर को बंद हो चुके हैं।

बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद करने से पहले आज से पंच पूजा की जाएगी। 14 नवंबर को दिनभर पूजा-अर्चना कर शाम को गणेश के कपाट बंद होंगे। 15 नवंबर दोपहर के समय आदि केदारेश्वर मंदिर, आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद होंगे। 16 नवंबर तीसरे दिन खडग पुस्तक पूजन के बाद वेद का पाठ बंद हो जाएगा। 17 नवंबर को माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना कर कढ़ाई भोग लगेगा। 18 नवंबर को रावल स्त्री भेष धारण कर लक्ष्मी माता को बदरीनाथ के सानिध्य में रखेंगे। इसके बाद विधि विधान से शाम 03 बजकर 33 मिनट पर कपाट बंद होंगे।

Rupesh Negi

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