पुरानी पेंशन को लेकर श्रीनगर में रैली,रामनगर से भी जायेंगे कर्मचारी शिक्षक।
देहरादून/रामनगर– श्रीनगर गढ़वाल में 5 नवंबर को पुरानी पेंशन की मांग को लेकर होने जा रही रैली में रामनगर से भी कर्मचारी शिक्षक प्रतिभाग करेंगे। यह निर्णय उत्तरांचल (पर्वतीय) कर्मचारी शिक्षक संगठन की एक बैठक में लिया गया। संघ भवन सिंचाई विभाग में हुई बैठक को संबोधित करते हुए संगठन के प्रांतीय उपाध्यक्ष नवेंदु मठपाल ने नई पेंशन स्कीम की खामियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा वर्ष 2004 में भाजपा की बाजपेयी सरकार के समय प्रारंभ की गई नई पेंशन स्कीम किसी भी कर्मचारी शिक्षक के हित में नही है। इस पेंशन का इतना जबरदस्त दुष्परिणाम है एक अस्सी हजार रुपये मासिक वेतन वाले कर्मचारियों को मात्र 2000 रुपये की पेंशन ही मिल रही है। प्रांतीय संगठन मंत्री सोमपाल सिंह ने कहा सरकार ने जिस प्रकार कर्मिकों की जीपीएफ का हजारों करोड़ रुपया शेयर मार्केट में लगा दिया है। इससे स्थिति और भी बदतर हो गयी है। मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के नेता नवीन घिल्डियाल ने कहा मोदी सरकार भी जिस प्रकार निजीकरण की नीतियों को तेज करते बैंक, रेलवे सबका निजीकरण करने पर तुली है यह देश के लिए खतरनाक है। सरकार जिस प्रकार पचास बर्ष से ऊपर के कार्मिकों को जबरदस्ती रिटायरमेंट देने पर तुली है इससे स्थिति और भी भयावह हो जाएगी। सराकरी पदों को समाप्त कर रोजगार के अवसरों को समाप्त किया जा रहा है। सिंचाई विभाग के नेता हरीश पपने ने कहा हमारी एकजुटता ही सरकार को पुरानी पेंशन देने को मजबूर कर सकती है। उन्होंने कहा नई पेंशन योजना में जीपीएफ से निकासी की योजना नही है।राजकीय शिक्षक संघ के कोटाबाग ब्लाक अध्यक्ष खीम सिंह रजवार ने कहा अगर कार्मिक के साथ कोई दुर्घटना हो गयी तो कार्मिक के परिवार को नई पेंशन योजना में किसी भी प्रकार का कोई लाभ नही मिलेगा। बालकृष्ण चंद ने कहा नई पेंशन स्कीम में कार्मिक के रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली समस्त धनराशि आयकर से भी मुक्त नहीं है अर्थात 40 फीसदी धनराशि कार्मिक को मिलेगी ही नहीं। नई पेंशन योजना में कार्मिक द्वारा जमा की गई धनराशि में भी भारी अनियमितता की खबरें लगातार आ रही हैं। जिससे कर्मचारी शिक्षक और भी ज्यादा हतोत्साहित हो रहा है।बैठक में राज्य की धामी सरकार द्वारा 2005 से पहले की विज्ञप्ति पर नियुक्त कार्मिकों को पुरानी पेंशन दिए जाने के निर्णय का स्वागत किया गया। एक अन्य प्रस्ताव पारित कर राजकीय शिक्षक संघ के आंदोलन का पूर्ण समर्थन किया गया और आरोप लगाया गया कि विभागीय अधिकारियों की हठधर्मिता के कारण सभी विभागों के कार्मिकों को मजबूर हो आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ रहा है।
बैठक में तय किया गया कि श्रीनगर को लेकर रामनगर के सभी कार्यालयों में व्यापक जनसंपर्क किया जाएगा। बैठक में नवेंदु मठपाल, सोमपाल, मिनिस्ट्रियल फेडरेशन के नवीन घिल्डियाल, हरीश पपने, प्राथमिक शिक्षक संघ के नंदराम आर्य, राजकीय शिक्षक संघ के खीम सिंह रजवार, बालकृष्ण चंद, सिंचाई विभाग महासंघ के अवधेश यादव, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के सुभाष गोला, हेमंत कुमार, विनीत तोमर, कल्याण सिंह धौनी, मुन्ना लाल गोला, सुरेश चंद्र मौजूद रहे।