लोकायुक्त नियुक्ति पर भाजपा-कांग्रेस आमने सामने, हरीश रावत ने कहा, ‘लोकायुक्त से बचो’ भाजपा का नारा।
देहरादून– लोकायुक्त नियुक्ति पर हाईकोर्ट की डेडलाइन के बाद उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने लोकायुक्त नियुक्ति को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, कि लोकायुक्त होता तो त्रस्त उत्तराखंड के लोग उसकी शरण में जाते। लेकिन ‘लोकायुक्त से बचो’ ये बीजेपी का नारा बन चुका है। हरीश रावत ने कहा कि हमने लोकायुक्त और उसकी पूरी बेंच का चयन किया था। लेकिन जानबूझकर फाइल को लटकाया गया। लोकायुक्त के कार्यालय में कार्यरत लोगों को तनख्वाह तो दी जा रही है लेकिन लोकायुक्त ग़ायब है।
लोकायुक्त नियुक्ति राजनीति मुद्दा नहीं बनाना चाहते-महेंद्र भट्ट
उधर लोकायुक्त की नियुक्ति पर जिस तरह से हाईकोर्ट ने सरकार को 3 महीने की डेडलाइन दी है उसे पर भी सब की निगाहें टिकी हुई है हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के भाजपा पर साधे गए इस निशाने को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि हम इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनना चाहते। लोकायुक्त के ढांचे में कुछ दिक्कतें थी। कोर्ट का निर्णय है तो उसका पालन भी होगा।
*तीन माह में लेना ही होगा लोकायुक्त नियुक्ति पर फ़ैसला
दरअसल, हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद उत्तराखंड में एक बार फिर लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर हलचल तेज हो गई है। महत्वपूर्ण यह है कि कोर्ट ने सरकार को 3 माह का अंतिम मौका दिया है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हुई हैं, कि क्या उत्तराखंड में लोकायुक्त की नियुक्ति हो जाएगी या फिर इसको लेकर सरकार हाई कोर्ट में कोई नया तर्क देगी। हालांकि जो भी होगा उसके लिए वक्त सिर्फ 3 महीने का ही है। आपको बता दें कि उत्तराखंड में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को तीन माह का अंतिम मौका दिया है। साथ ही यह भी कहा है कि जब तक प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हो जाती लोकायुक्त कार्यालय के कर्मचारियों को भी वेतन न दिया जाए। हालांकि सरकार चाहे तो अन्य विभागों में इन कर्मचारियों से काम लेकर उनका भुगतान कर सकती है।