पेपर देने के बाद एक अभियार्थी ने पेपर पर उठाए सवाल,उत्तराखंड में दर्ज पहला मुकदमा, प्रशासन ने आनन फानन में उठाये कदम।
देहरादून– जनपद उत्तरकाशी में पटवारी,लेखपाल की लिखित परीक्षा के लिए जनपद में 57 परीक्षा केन्द्र में 11 हजार 639 अभ्यर्थी ने परीक्षा दी। परीक्षा खत्म होने के बाद पॉलिटेक्निक सेंटर का एक अभियार्थी ने प्रश्न पेपर की सील पर सवाल खड़े कर वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। इस बीच कुछ युवा भी डीएम से इस मामले में शिकायत करने पहुँचे।
नकलरोधी कानून के तहत झूठी व भ्रामक सूचना भी दंड के दायरे में आ गई है। प्रदेश में नकलरोधी कानून के तहत यह पहला मुकदमा है। एक अभ्यर्थी समेत कुछ अज्ञात व्यक्तियों व न्यूज पोर्टल संचालकों के विरुद्ध नकलरोधी कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
प्रदेश में नकलरोधी कानून के तहत यह पहला मुकदमा है। पुलिस का कहना है कि परीक्षा संपन्न होने के बाद अभ्यर्थी ने प्रश्नपत्र के संबंध में भ्रामक वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किया था। नकलरोधी कानून के तहत झूठी व भ्रामक सूचना भी दंड के दायरे में आ गई है।
ऐसी सूचनाओं को प्रसारित करने वाली संस्था एवं व्यक्ति को दोषी माना जाएगा। इसके बाद परीक्षा केंद्र व्यवस्थापक और राजकीय पालीटेक्निक लदाडी (उत्तरकाशी) के प्रधानाचार्य प्रदीप चमोली ने आरोपित अभ्यर्थी के विरुद्ध उत्तरकाशी कोतवाली में तहरीर दी
तहरीर में बताया गया कि पालीटेक्निक में बनाए गए परीक्षा केंद्र में अभ्यर्थी अरुण कुमार निवासी बड़कोट ने प्रश्नपत्र की सील खुली होने का आरोप लगाते हुए कक्ष प्रभारी से शिकायत की थी। उसका कहना था कि प्रश्नपत्र में लगी तीन सील में से दो पहले से खुली हुई थीं। इस पर जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला मौके पर पहुंचे और राज्य लोक सेवा आयोग के प्रतिनिधि को वहां बुलाकर मामले से अवगत कराया।
अधिकारियों ने प्रश्नपत्र में तीसरी सील सुरक्षित होने के चलते अभ्यर्थी की शिकायत को निर्मूल मानते हुए कहा कि प्रश्नपत्र की गोपनीयता पूरी तरह संरक्षित है। उस समय अभ्यर्थी भी अधिकारियों के तर्क से संतुष्ट हो गया। लेकिन, परीक्षा संपन्न होने के बाद उसने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर एक वीडियो बनाया।
वीडियो में उसने प्रश्नपत्र को लेकर भ्रामक बातें कहीं और वीडियो को इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दिया। वीडियो वायरल होने पर देर रात परीक्षा केंद्र व्यवस्थापक ने कोतवाली में इसकी शिकायत की, जिसके बाद मुकदमा दर्ज किया गया।
सोशल मीडिया पर वीडियो की खबर जब प्रशासन को लगी तो प्रशासन ने आनन फानन में कदम उठाते हुए शिकायत कर रहे अभियर्थियों को थाने बुलाया और जंहा आयोग के कर्मचारियों को भी बुलाया गया।
सभी को सील पेपर की पूरी कार्यवाही की वीडियो कवरेज दिखाई गई साथ जिस लड़के ने यह वीडियो वायरल की उसके पेपर कक्ष 4 की सीसीटीवी वीडियो भी दिखाई गयी। प्रशासन ने वीडियो वायरल करने वाले अभियार्थी से भी संपर्क साधा लेकिन वह अपने घर को निकल चुका था। वंही एसडीएम चतर सिंह ने पेपर सील पर अभियार्थी के आरोप का भी खंडन किया है। साथ अभियार्थी से प्रशासन संपर्क बनाए हुए है।