केदारनाथ पैदल मार्ग से खाली प्लास्टिक बोतल लाओ,प्लास्टिक उन्नमूलन को लेकर जिला प्रशासन की अनूठी पहल,65 दुकानों पर रखी गई क्यूआर कोड वाली पानी की बोतलें जनाइये क्या है पूरी खबर।

केदारनाथ पैदल मार्ग से खाली प्लास्टिक बोतल लाओ,प्लास्टिक उन्नमूलन को लेकर जिला प्रशासन की अनूठी पहल,65 दुकानों पर रखी गई क्यूआर कोड वाली पानी की बोतलें जनाइये क्या है पूरी खबर।
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रुद्रप्रयाग— केदारनाथ एवं पैदल मार्ग पर प्लास्टिक उन्नमूलन के लिए जिला प्रशासन ने अनूठी पहल शुरू की है। प्रशासन ने एक सामाजिक संस्था के साथ पैदल मार्ग से धाम तक 65 दुकानों पर क्यूआर कोड वाली बोतल बंद पानी दिया गया है। यात्रियों से इन बोतलों की खरीद पर 10 रुपये अतिरिक्त लिए जा रहे हैं। खाली बोतल वापस लाने पर यात्री को दस रुपये लौटाए जा रहे हैं। साथ ही अगर, यात्री बोतल को इधर-उधर फेंक रहा है, तो उसे एकत्रित करने वाले को दस रुपये इनाम में दिए जा रहे हैं। कपाट खुलने के बाद से अभी तक तीन हजार खाली बोतलें एकत्रित की गई हैं। इन बोतलों को जल्द रिसाइकिल के लिए भेजा जाएगा।

बता दें कि गौरीकुंड से केदारनाथ 18 किमी पैदल मार्ग में प्लास्टिक उन्नमूलन को लेकर प्रशासन विशेष अभियान चला रहा है। एक तरफ जहां सुलभ इंटरनेशनल की ओर से बीते 12 दिनों में सफाई अभियान चलाते हुए अभी तक 70 क्विंटल से अधिक कूड़ा-कचरा एकत्रित किया जा चुका है, जिसमें 35 क्विंटल प्लास्टिक कचरा है। वहीं, प्रशासन प्लास्टिक बोतलों के उन्मूलन के लिए स्वच्छ केदारनाथ मिशन का संचालन कर रहा है। एक सामाजिक संस्था के सहयोग से गौरीकुंड से केदारनाथ तक 65 दुकानों पर क्यूआर कोड बोतल बंद पानी दिया गया है। यात्रियों से निरंतर क्यूआर कोड बोतल खरीदने की अपील की जा रही है। इन बोतलों की खरीद पर ग्राहक से तय मूल्य से दस रुपये अतिरिक्त लिए जा रहे हैं, जो खाली बोतल जमा करने पर वापस लौटाए जा रहे हैं। खाली बोतलों को जमा करने के लिए गौरीकुंड, केदारनाथ मंदिर परिसर और केदारपुरी में तीन डिपोजिट सेंटर बनाए गए हैं। वहीं जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि केदारनाथ धाम में प्लास्टिक कचरे की समस्या को दूर करने और यात्रियों में जागरूकता को लेकर पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है, जिसके तहत क्यूआर कोड की प्लास्टिक बोटल को धाम से वापस लाने पर दस रूपए दिये जा रहे हैं। अगर यह बोटल यात्री धाम में छोड़ देता है और किसी अन्य यात्री को यह बोटल मिलती है तो वापसी में इसे जमा करके दस रूपए कमा सकता है। जिला प्रशासन की ओर से पहली बार यह पहल की गई है, जिसका हर कोई स्वागत कर रहा है। इससे प्रशासन को आय भी प्राप्त हो रही है।

 

Rupesh Negi

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