मुख़्यमंत्री धामी ने दून विश्वविद्यालय में डॉ. नित्यानन्द हिमालयी शोध एवं अध्ययन केन्द्र का लोकार्पण किया।
देहरादून –उत्तराखंड के प्रथम मुख्यमंत्री स्वर्गीय डॉक्टर नित्यानंद स्वामी की स्मिर्ति में दूंन विश्वविद्यालय में डॉ नित्यानंद हिमालयन रिसर्च एंड स्टडी सेंटर का मुख्यमंत्री द्वारा लोकार्पण किया गया कार्यक्रम में प्रदेश भर से बुद्धजीवियों ने शिरकत की इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य गठन व हिमालय पर शोध में नित्यानंद स्वामी की अहम भूमिका रही है उन्होंने अपने आप को पूरी तरह उत्तराखंड के लिए समर्पित कर दिया था आज उनके नाम पर इस शोध संस्थान अनावरण हुआ है ये उनको सच्ची श्रद्धांजलि है ।
आपको बता दे कि इस शोध केंद्र में एक बहुत बड़ा ऑडिटोरियम , क्लास रूम्स व हिमालय म्यूजियम के लिए स्थान है और इसके साथ ही इस शोध केंद्र में महिला वैज्ञानिकों को बढ़ावा मिलेगा ।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि डॉ. नित्यानन्द जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित किया। उनका प्रयास रहता था, कि जनता के बीच जाकर जन समस्याएं सुनी जाएं और उसके बाद नीतियां बनाई जाएं। उनका मानना था कि विभिन्न क्षेत्रों में अधिक से अधिक शोध कार्य हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। राज्य में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए 05 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। राज्य का संतुलित बजट बने इसके लिए हर क्षेत्र के विशेषज्ञों से संवाद स्थापित किया गया। जन सुझावों को ध्यान में रखते हुए राज्य का बजट बनाया जायेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत का विश्व में मान-सम्मान बढ़ा है। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में देश तेजी से आगे बढ़ा है। 2014 के बाद से देश में नई कार्य संस्कृति आई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है। 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का समग्र विकास हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। समाज के अन्तिम पंक्ति पर खड़े लोगों को केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ मिले, इसके लिए योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने के अधिकारियों को निदेश दिये गये हैं।
राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि डॉ. नित्यानन्द जी ने समाज सेवा के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कार्य किया। उन्होंने संवेदनशीलता के आधार पर समाजसेवा करने की सीख दी। वे चाहते थे कि उत्तराखण्ड में विभिन्न विषयों पर शोध हो। आज डॉ. नित्यानन्द हिमालयी शोध एवं अध्ययन केन्द्र के लोकार्पण के अवसर पर शोध पर ही कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, यह एक सुखद क्षण है।
वहीं दूंन विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल ने कहा कि आज हमारे विश्वविद्यालय के लिए आज एक बहुत ही बड़ा दिन है और उसका सबसे बड़ा कारण है हम लोगों ने उत्साह के साथ इस को मनाया कि डॉक्टर नित्यानंद की स्मृति में जो हिमालयन शोध एवं अध्ययन केंद्र का लोकार्पण किया ये नित्यानंद स्वामी को हमारी तरफ से श्रद्धांजलि है ।