यूरिक एसिड क्यों होता है,जोड़ों के दर्द में आमतौर पर रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा कैसे बढ़ जाती है।
देहरादून– क्या है यूरिक एसिड के लक्षण?
जोड़ों में दर्द होना, पैरों और एड़ियों में तेज दर्द
तलवों का लाल होना,ज्यादा प्यास लगना
बुखार आना, पैर के अंगूठे में दर्द होना
जोड़ों के ऊपरी त्वचा के रंग में बदलाव होना।
यूरिक एसिड को समाप्त करने का नुस्खा …..
जोड़ों के दर्द में आमतौर पर रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है !
यूरिक एसिड को जड़ से खत्म करने का उपाय क्या है?
बढ़े हुए यूरिक एसिड को हम घर पर ठीक कर सकते हैं। यूरिक एसिड का घरेलू इलाज है।
भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करें – बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करें। इससे यूरिक एसिड को यूरिन के जरिए शरीर से बाहर निकालने में मदद मिलती है।
अल्कॉहल के सेवन से बचें – अल्कॉहल शरीर से यूरिक एसिड निकालने की क्षमता को बाधित कर सकती है, इसलिए इसके सेवन से बचने की कोशिश करनी चाहिए।
कम प्यूरीन वाले आहार का सेवन करें – हाई प्यूरीन वाले खाद्य- पदार्थ के सेवन से बचें, जैसे- सीफूड, ऑर्गन मीट, और कुछ सब्जियां इत्यादि। कम प्यूरीन वाले आहार का सेवन करें, जैसे – साबुत अनाज, फल, सब्जियां इत्यादि ।
नियमित रूप से व्यायाम करें – नियमित रूप से व्यायाम आपके किडनी की कार्यक्षमता में सुधार करता है और यूरिक एसिड के लेवल को कम करने में मदद करता है।
25-30 ग्राम पुदीना की पत्तियाँ व उसके कोमल तने को एक गिलास पानी में उबालें 8-10 उफान आने पर उसे छानकर पी लें ! कुछ दिन प्रातः खाली पेट इसका सेवन करने से रक्त से यूरिक एसिड की मात्रा कम होने लगती है !
जाने यूरिक एसिड के बारे में। अगर कभी आपके पैरों उंगलियों, टखनों और घुटनों में दर्द हो तो इसे मामूली थकान की वजह से होने वाला दर्द समझ कर अनदेखा न करें यह आपके शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने का लक्षण हो सकता है।
इस स्वास्थ्य समस्या को गाउट आर्थराइट्सि कहा जाता है। क्यों होता है ऐसा…
1. यह समस्या शरीर में प्रोटीन की अधिकता के कारण होती है। प्रोटीनएमिनो एसिड के संयोजन से बना होता है। पाचन की प्रक्रिया के दौरान जब प्रोटीन टूटता है तो शरीर में यूरिक एसिड बनता है, जो कि एक तरह का एंटी ऑक्सीडेंट होता है।
आमतौर सभी के शरीरमें सीमित मात्रा में यूरिक एसिड का होना सेहत के लिए फायदेमंद साबित होता है, लेकिन जब इसकी मात्रा बढ़ जाती है तो रक्त प्रवाह के जरिये पैरों की उंगलियों, टखनों, घुटने, कोहनी, कलाइयों और हाथों की उंगलियों के जोड़ों में इसके कण जमा होने लगते हैं और इसी के रिएक्शन से जोड़ों में दर्द और सूजन होने लगता है।
2. यह आधुनिक अव्यवस्थित जीवनशैली से जुड़ी स्वास्थ्य समस्या है।
इसी वजह से 25 से 40 वर्ष के युवा पुरुषों में यह समस्या सबसे अधिक देखने को मिलती है। स्त्रियों में अमूमन यह समस्या 50 वर्ष की उम्र के बाद देखने को मिलती है।
3. रेड मीट, सी फूड, रेड वाइन, प्रोसेस्डचीज, दाल, राजमा, मशरूम, गोभी, टमाटर, पालक आदि के अधिक मात्रा में सेवन से भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है।
4.अधिक उपवास या क्रैश डाइटिंग से भी यह समस्या बढ़ जाती है।
5. आमतौर पर किडनी रक्त में मौजूद यूरिक एसिड की अतिरिक्त मात्रा को यूरिन के जरिये बाहर निकाल देती है, लेकिन जिन लोगों की किडनी सही ढंग से काम नहीं कर रही होती, उनके शरीर में भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है।
6.अगर व्यक्ति की किडनी भीतरी दीवारों की लाइनिंग क्षतिग्रस्त हो तो ऐसे में यूरिक एसिड बढ़ने की वजह से किडनी में स्टोन भी बनने लगता है।
बचाव…..
1. अधिक से अधिक मात्रा में पानी पीने की कोशिश करें।
इससे रक्त में मौजूद अतिरिक्त यूरिक एसिड यूरिन के जरिये शरीर से बाहर निकल जाता है।
2. दर्द वाले स्थान पर कपड़े में लपेटकरबर्फ की सिंकाई फायदेमंद साबित होती है।
3. संतुलित आहार लें…जिसमें, कार्बोहइड्रेट, प्रोटीन, फैट, विटमिन और मिनरल्स सब कुछ सीमित और संतुलित मात्रा में होना चाहिए। आम तौर पर शाकाहारी भारतीय भोजन संतुलित होता है और उसमें ज्यादा फेर-बदल की जरूरत नहीं होती।
4. नियमित एक्सराइज इस समस्या से बचने का सबसे आसान उपाय है क्योंकि इससे शरीर में अतिरिक्त प्रोटीन जमा नहीं हो पाता।
5. इस समस्या से ग्रस्त लोगों को नियमित रूप से दवाओं का सेवन करते हुए हर छह माह के अंतराल पर यूरिक एसिड की जांच करानी चाहिए।