हिंदी दिवस के उपलक्ष्य पर आज केंद्रीय विद्यालय एफ.आर.आई में कवि सम्मेलन का आयोजन।

हिंदी दिवस के उपलक्ष्य पर आज केंद्रीय विद्यालय एफ.आर.आई में कवि सम्मेलन का आयोजन।
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देहरादून– हिंदी दिवस का इतिहास भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के शुरुआती दिनों मे 1918 में हिंदी विद्वानों और कार्यकर्ताओं के एक समूह ने राष्ट्रीय भाषा के रूप में हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए हिंदी साहित्य सम्मेलन (हिंदी साहित्य सम्मेलन) का गठन किया था। सम्मेलन ने हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाने में प्रमुख भूमिका निभाई।

भारत में सैकड़ों भाषाएं और बोलियां बोली जाती है, 6 दिसंबर 1946 में आजाद भारत का संविधान तैयार करने के लिए संविधान का गठन हुआ, संविधान सभा ने अपना 26 नवंबर 1949 को संविधान के अंतिम प्रारूप को मंजूरी दे दी, आजाद भारत का अपना संविधान 26 जनवरी 1950 से पूरे देश में लागू हुआ, लेकिन भारत की कौन सी राष्ट्रभाषा चुनी जाएगी ये मुद्दा काफी अहम था, हिंदी और अंग्रेजी को नए राष्ट्र की भाषा चुना गया, संविधान सभा ने देवनागरी लिपी में लिखी हिंदी को अंग्रजों के साथ राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया था, 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से निर्णय लिया कि हिंदी ही भारत की राजभाषा होगी,पहला हिंदी दिवस 1953 में मनाया गया था। बस तभी से आजतक हिंदी दिवस के रूप मे मनाया जाता है।

आज आज केंद्रीय विद्यालय एफ.आर.आई में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया,जिसमें दुष्यंत पुरस्कार से सम्मानित जसवीर सिंह हलधर के साथ-साथ श्रीकांत श्री , सागर एवं मणि अग्रवाल मणिका जैसे कवियों ने सम्मेलन की शोभा में वृद्धि की। कवि सम्मेलन का शुभारंभ प्रज्वलन के साथ हुआ  प्राचार्य द्वारा सभी सम्मानित कवियों का हरित स्वागत किया गया तत्पश्चात महिमाश्री ने अपनी ओजस्वी वाणी में मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की कार्यक्रम में विद्यालय के छात्र-छात्राओं युवराज, नृत्य आदि द्वारा सुंदर काव्य प्रस्तुति की गई जिनमें कक्षा 12 के छात्र गजेंद्र एवं छात्रा श्रुति भारद्वाज की कविताओं को विशेष रूप से सराहा गया तत्पश्चात विद्यालय के शिक्षक अनूप चौधरी द्वारा स्वरचित कविता का पाठ किया गया। युवा कवि सागर ,कवित्री मणि अग्रवाल ने ‘बेटियां’ श्रीकांतश्री एवं जसवीर सिंह हलधर द्वारा हिंदी भाषा पर काव्य प्रस्तुति दी गई। प्राचार्य हनुमंत सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कार्यक्रम का समापन हुआ। तारा जोशी एवं अनूप चौधरी द्वारा मंच संचालन किया गया ।

Rupesh Negi

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