नाफरमानी करने पर देहरादून के चार स्कूलों की मान्यता पर खतरा, बाल आयोग ने अध्यक्ष ने शिक्षा विभाग को लिखा पत्र।

नाफरमानी करने पर देहरादून के चार स्कूलों की मान्यता पर खतरा, बाल आयोग ने अध्यक्ष ने शिक्षा विभाग को लिखा पत्र।
Spread the love

देहरादून– बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ गीता खन्ना की अध्यक्षता में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया इसमें उन्होंने 1 वर्ष के कार्यकाल में आयोग में अपने अनुभव उपलब्धियां वह चुनौतियों को मीडिया के साथ साझा किया आपको बता दें कि बाल अधिकार संरक्षण आयोग के गठन को एक दशक बीत चुका है इस बीच आयोग ने अपने आपको एक सशक्त बाल अधिकारों के पहरेदारओं के रूप में साबित करने का काम किया है वही गीता खन्ना ने बाल संरक्षण आयोग की उपलब्धियों को भी बताया उन्होंने कहा कि आयोग ने अपने आपको एक सशक्त बाल अधिकारों के पहरेदारओं के रूप में साबित किया है आगे गीता खन्ना ने बताया कि आयोग द्वारा गत वर्ष में कुल 110 शिकायतों का निस्तारण किया गया जिनमें निजी विद्यालयों की फीस समस्या बच्चों के अधिकारों से संबंधित समस्या थी । आयोग ने अन्य सभी कामों के साथ-साथ राज्य के सभी प्राइवेट स्कूलों में निगरानी रखने के उद्देश्य से एक मॉनिटरिंग कमिटी भी बनाए जाने का प्रस्ताव जारी किया है।

वहीं एक साल के भीतर जहां बाल आयोग की तरफ से कई बैठके और कार्य किए गए है। साथ ही कई मामलों में सरकार को पत्र लिखकर सजग भी किया गया है। दूसरी तरफ बाल आयोग ने राजधानी देहरादून के चार स्कूलों की मान्यता रद्द करने के लिए शिक्षा विभाग को भी पत्र लिखा है। जिसमे लुसेंट इनटरनेशनल स्कूल,राजा राम मोहन रॉय, रहमानिया स्कूल,दिल्ली पब्लिक स्कूल सेलाकुई को अवमानना का नोटिस जिसके चलते आयोग की अध्यक्षा डॉक्टर गीता खन्ना का कहना है कि इन चार स्कूलों में छात्रों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया है। कहीं पर उनकी पिटाई की गई तो कहीं उनकी पढ़ाई के साथ मजाक किया जा रहा है। जिसको देखते हुए हमने चारों स्कूल की मान्यता रद्द करने की सिफारिश की है।

Rupesh Negi

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *