उत्तराखंड की महिला एवं बाल विकास मंत्री की चिठ्ठी चर्चाओं में,आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के लिए जारी की गई, जिस पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति।
देहरादून — कैबिनेट मन्त्री ने लिखी चिठ्ठी पर विवाद खड़ा हो गया… 26 जुलाई को “मुझे भी जन्म लेने दो” कार्यक्रम के जागरूकता अभियान के लिए निकाली जा रही कावड़ यात्रा के लिए कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य की तरफ से जारी की गई थी।
इस चिट्ठी में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने आंगनवाड़ी कार्यकर्तियो के लिए एक आदेश जारी किया था जिसमें उन्होंने यह लिखा था कि 26 जुलाई को कैबिनेट मंत्री लिंगानुपात को बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान के तहत एक कावड़ यात्रा निकालेंगी जिसमें सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्तियो को या तो इसमें हिस्सा लेना है या फिर नजदीकी शिवालयों में जाकर जलाभिषेक करते हुए सेल्फी को सोशल मीडिया के माध्यम से पोस्ट या ईमेल करना है।
ऑफ कैमरा आंगनवाडी कार्यकत्री और अधिकारी ने कहा इस तरह से तुगलकी फरमान जारी करना नीति विरुद्ध है, इससे कर्मचारियो का मनोबल भी विभाग के प्रति कमजोर होगा । उनका कहना है कि चाहे शिवालयों में जलाभिषेक की बात हो या उनके बरेली स्थित निजी आवास पर शिवलिंग की स्थापना का कार्यक्रम हो निजी कार्यक्रम में सरकारी कर्मचारियों को इस तरह से बुलाना एक अमानवीय व्यवहार है।
वही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण महरा का कहना है कि यह आदेश नियम विरुद्ध है निजी कार्यक्रम में सरकारी आदेश पारित करना नियम के विरुद्ध है उन्होंने कहा उनके सचिव द्वारा इस चिट्ठी को जारी किया गया है इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आदेश जारी किया है कि मानसून सीजन मे 90 दिनों तक कर्मचारियों को छुट्टी नहीं दी जाएगी ऐसे मे इस चिट्ठी को जारी कर दूसरे प्रदेश में कर्मचारियों को आमंत्रित करना गलत है।
आपको बता दें कि आज कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य हरिद्वार से वीरभद्र महादेव मंदिर ऋषिकेश तक 25 किलोमीटर की कावड़ यात्रा पर निकली है। अब मंत्री रेखा आर्य अपनी सफाई में कहा है कि चिट्ठी का गलत मतलब निकाला गया है और इस कार्यक्रम में जिन लोगों को बुलाया गया है वह अपनी स्वेच्छा से यहां आ सकते हैं किसी के ऊपर किसी भी प्रकार की जबरदस्ती नहीं की गई है।