उत्तराखंड में लगातार बढ रहे हैं रिश्वत के मामले, पिछले 2 महीने में 150 लोगों से सरकारी कर्मियों ने मांगी रिश्वत, महज इतनो पर विजिलेंस की कार्रवाई!

उत्तराखंड में लगातार बढ रहे हैं रिश्वत के मामले, पिछले 2 महीने में 150 लोगों से सरकारी कर्मियों ने मांगी रिश्वत, महज इतनो पर विजिलेंस की कार्रवाई!
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देहरादून– उत्तराखंड में सरकारी कर्मचारियों द्वारा रिश्वत के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।
बड़ी संख्या परेशान लोग भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों की शिकायत करने से डरते हैं। ऐसा माना जाता है कि बाद में उन्हें यह लोग परेशान करेंगे। यही वजह है कि रिश्वत के मामलों में कमी नहीं आ रही है। बीते दो माह में 150 लोगों से सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों ने रिश्वत की मांग की है। इन भ्रष्ट कर्मियों से परेशान होकर लोगों ने एंटी करप्शन नंबर 1064 पर शिकायत की है। इनमें से 64 पर विजिलेंस ने कार्रवाई शुरू कर दी है जबकि दो माह के भीतर प्रदेश में पांच सरकारी कर्मियों को ट्रैप किया जा चुका है। दो माह पहले एंटी करप्शन नंबर 1064 शुरू किया गया था ताकि यदि कोई सरकारी कर्मी किसी से रिश्वत मांगे या अन्य भ्रष्टाचार करे तो इसकी शिकायत की जा सके। इस अवधि में इस नंबर पर 3300 से ज्यादा लोगों ने फोन किया है। इनमें से 1400 से अधिक वास्तविक शिकायतें हैं, जो विभिन्न विभागों से संबंधित हैं।

इन शिकायतों को मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल पर ट्रांसफर कर दिया गया है। विजिलेंस ने जब इन शिकायतों में से छंटनी की तो पता 150 शिकायतें भ्रष्टाचार से संबंधित थीं। निदेशक विजिलेंस अमित सिन्हा ने बताया कि ये काम के बदले रिश्वत की मांग करने संबंधी शिकायतें थीं। इनमें से विजिलेंस ने तत्काल जांच शुरू करते हुए पांच अधिकारियों और कर्मचारियों को ट्रैप कर लिया। 64 मामलों में जांच शुरू कर दी गई है। 27 शिकायतों के संबंध में सूचनाओं का संकलन चल रहा है। उन्होंने बताया कि चार शिकायतों को शासन भेजा गया है। इनमें कार्रवाई के लिए शासन की अनुमति आवश्यक है।

शिकायतकर्ताओं की सुरक्षा के संबंध में देंगे जानकारी
निदेशक विजिलेंस ने बताया कि लोग भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों की शिकायत करने से डरते हैं। ऐसा माना जाता है कि बाद में लोग उन्हें परेशान करेंगे। ऐसे में जरूरी है कि उनकी सुरक्षा की जाए। इसके लिए वह आने वाले समय में ऐसे शिकायतकर्ताओं का सम्मेलन करेंगे। उन्हें सुरक्षा दिए जाने के संबंध में जानकारी देंगे ताकि लोग आगे भी भ्रष्ट अधिकारियों की शिकायतें कर सकें।

Rupesh Negi

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