Aayurved के क्षेत्र में Uttrakhand का बड़ा कदम, 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो से मिलेगी नई पहचान।

Aayurved के क्षेत्र में Uttrakhand का बड़ा कदम, 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो से मिलेगी नई पहचान।
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देहरादून– राजधानी देहरादून मे आज से 10वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो की शुरुआत परेड ग्राउंड में हो गई है । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दीप प्रज्वलित कर एवं भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। 12दिसम्बर से 15 दिसंबर तक चलने वाले इस चार दिवसीय सम्मेलन में 54 देशों के 350 विशेषज्ञओ  समेत 6500 से अधिक शोधार्थीं, आयुर्वेदिक सामग्री के निर्माता, किसान, आयुवेंद ओपंधियां के खरीददारों और विक्रेताओं ने भाग लिया। डिजिटल आयुर्वेद की थीम पर आधारित इस सम्मेलन में जहां आयुर्वेद को बढ़ावा देने पर मंथन वहीं होगा दुनिया भर में इस क्षेत्र में हुए नए शोध पर भी चर्चा होगी। आदि काल से योग और आयुर्वेद की धरती उत्तराखंड में इस आयोजन को राज्य सरकार एक अवसर के रूप में देख रही है जिससे देवभूमि उत्तराखंड की आयुर्वेंद की क्षमता विश्व स्तर पर आएगी और इससे जुड़े उद्योगों को नया आयाम मिलेगा। वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस में शुरुआती तीन दिन इंटरनेशनल असंबेली का आयाजन भी होगा। अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, फ्रास जर्मनी, समेत कई देश असंबेली में हिस्सा लेंगे और इस दौरान 150 वैजानिक सत्र और 13 सहयोगी सेमिनार का आयोजन भी होगा। कार्यक्रम में आयुर्वेद के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने वाले लोगों को सम्मानित भी किया गया। देश विदेश से आए अतिथियों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार देश की प्रथम योग नीति पर भी कार्य कर रही है। प्रदेश में वैलनेस सैंटरो की स्थापना की जा रही है, ऋषि मुनियों की योग परंपरा को उनके अनुसंधान को इस तरह के सम्मेलन के माध्यम से विश्व पटल पर लाया जाएगा। केंद्रीय राज्य मंत्री प्रताप राव जाधव ने कहा कि सम्मेलन के माध्यम से हजारों लोगों को स्वास्थ्य मिलेगा वहीं देश की प्राचीन चिकित्सा पद्धति को देश-विदेश के कोने-कोने में पहुंचने में मदद मिलेगी। केंद्र सरकार पूरे देश में इस तरह के स्वास्थ्य कार्यक्रम आयोजित करेगी। कार्यक्रम में देश की दिग्गज आयुर्वेदिक कंपनियां भी स्टॉल के माध्यम से आयुर्वेद चिकित्सा चिकित्सा व औषधि आदि क्षेत्र में हुए नए शोध कार्य को लोगों तक पहुंच रही हैं।

10 वें आयुर्वेदिक सम्मेलन में की सीएम धामी ने दी शुभकामनाएं, सीएम धामी ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया, आरोग्य एक्सपो में लगाया गए 250 स्टॉल आयुर्वेदिक का प्रमाण दे रहे हैं। प्रधानमंत्री के निर्णय से ही देहरादून में यह सम्मेलन हो रहा है, हमारे प्रदेश में पाए जाने वाली जड़ी बूटियों ने आयुर्वेद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । यह सम्मेलन सहयोग और व्यापार के नए अवसर सृजित करेगा।

इसका उदाहरण कोविड काल है जब सही जीवन शैली में इसका उपयोग किया गया। आयुर्वेद जड़ी बूटियों। तक सीमित नहीं है बल्कि जीवन जीने को विशिष्ट कला है । हमारी सरकार देश को प्रथम योगनिति को लागू करने का कार्य कर रही है।

प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हमारी सरकार आयुष के छेत्र में कार्य कर रहे है।

आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के उत्पादन को बढ़ावा देने का कार्य किया जा था है पीएम से अनुरोध अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान उत्तराखंड को मिले। हमारी सरकार 50 नए योग और वेलनेस केंद्र स्थापित करने के कार्य कर रही है। सीएम धामी ने सम्मेलन में आए शोधार्थियों से किया अनुरोध, हमारी जड़ी बूटियों के हिंदी नामों के साथ ही अंग्रेजी नामों को प्रचारित करें

जिसमें आयुर्वेद का महत्व और उपचार को लेकर कई सेशन में चर्चा की जाएंगी। जहां। एक्सपर्ट्स सवालों का जवाब देने का काम करेंगे।

योगा और वेलनेस के लिए उत्तराखंड आज विश्व में अपनी अलग पहचान बना चुका है। देश के साथ विदेश से भी पर्यटक उत्तराखंड का रुख कर रहे है। वहीं हिमालय राज्य उत्तराखंड को आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का मुख्य केंद्र भी माना जाता है। साथ ही राज्य में स्थापित पतंजलि और हिमालया ब्रांड आयुर्वेद दवाओं के क्षेत्र में अलग पहचान बना चुका है।

उम्मीद है कि चार दिनों तक देहरादून में आयोजित होने वाले विश्व स्तरीय आयुर्वेद सम्मेलन से आम जनता को भी खासा फायदा होगा। साथ ही आयुर्वेद को समझने में भी आसानी होगी। वहीं राज्य सरकार की भी कोशिश है कि आयुर्वेद के क्षेत्र में भी हम और भी ऊंचाइयों को छूने का काम करे।

Rupesh Negi

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