मिसरास पट्टी में ग्रामीणों ने किया लोकसभा चुनावी का बहिष्कार, Road नहीं तो Vote नहीं, होगा चुनाव बहिष्कार।

मिसरास पट्टी में ग्रामीणों ने किया लोकसभा चुनावी का बहिष्कार, Road नहीं तो Vote नहीं, होगा चुनाव बहिष्कार।
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देहरादून– राजधानी देहरादून से 25 किलोमीटर की दूरी पर बसे टिहरी लोकसभा क्षेत्र की मिसरास पट्टी के ग्रामीणों ने पिछले लोकसभा चुनाव 2019 से रोड नहीं तो वोट नहीं को लेकर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया गया था, लेकिन सरकार की नींद 2019 से आज तक भी नहीं खुली और अब 2024 लोक सभा चुनाव का फिर से स्थानीय ग्रामीणों ने बहिष्कार किया है। सरकार का प्रतिनिधित्व दो बार मिसरास पट्टी का दौरा कर चुका है, लेकिन गाँव वाले के सामने उनकी एक ना चली वहाँ की जनता का साफ कहना कि रोड़ नहीं तो वोट नहीं।

राजधानी देहरादून के मिसरास पट्टी ग्रामीण क्षेत्र में स्थानीय ग्रामीणों द्वारा लोकसभा चुनावों का खुलेआम बहिष्कार लगातार जारी है। पहले भी नवोदय टाइम्स उत्तराखंड ने सबसे पहले ग्रामीणों के बीच पहुंचकर उनकी समस्या को प्रमुखता से उठाने का काम किया था। जिसके बाद मौके पर पहुंची जिला प्रशासन की टीम ने ग्रामीणों के साथ बातचीत की और जल्द सड़क निर्माण का दावा किया। लेकिन बैठक के दौरान ही ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा, लंबे समय से या कहें कई दशक से ग्रामीण इस सड़क का निर्माण कराने की मांग कर रहे है। जिसको लेकर सरकार से पत्राचार भी हुआ और सड़क निर्माण की स्वीकृति भी हुई। लेकिन आज भी धरातल पर केवल धूल का गुबार और ऊंची नीची नाम की कच्ची सड़क है। जिससे ग्रामीण आवाजाही कर रहे है। ऐसे में अब जिला प्रशासन की बैठक में भी कोई रास्ता ना बनता देख ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का खुला एलान दोबारा से कर दिया है।

प्रदेश की टिहरी लोकसभा क्षेत्र की मिसरास पट्टी में स्थानीय ग्रामीणों द्वारा साल 2019 से रोड नहीं तो वोट नहीं की बात करते हुए लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया गया था। लेकिन सरकार की नींद तब भी नहीं खुली और आज फिर से स्थानीय ग्रामीणों ने आगामी लोकसभा चुनाव का खुलेआम बहिष्कार करने की घोषणा की गई। सरकार के प्रतिनिधि दो बार मिसरास पट्टी इलाके का इसी कच्चे मार्ग से दौरा कर चुका है, लेकिन ग्रामीण बिना सड़क के कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है।

ग्रामीण जनता का साफ कहना कि रोड़ नहीं तो वोट नहीं। स्थानीय निवासी सरकार से लिखित में आस्वासन मांग रहे है। मिसरास पट्टी के लोगों ने बताया कि सन्न 2004 में स्वीकृत हुई सड़क आज तक नहीं बन पायी, लोगों को बड़ी कठिनाईयों के साथ यात्रा करनी पड़ती है। बरसात के मौसम में जोखिम भरा सफर करना और मुश्किल हो जाता है। वहीं मिसरास पट्टी पहुंची अधिकारियों की टीम लगातार ग्रामीणों से बातचीत कर उन्हे मतदान करने के लिए प्रेरित कर रही है। साथ ही किस स्तर पर सड़क निर्माण की कार्यवाही चल रही है, इसकी जानकारी भी ग्रामीणों को देने का काम किया है।

मिसरास पट्टी पहुंचे अधिकारियों के सामने रोड नही तो वोट नहीं का नारा देकर ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का एलान कर दिया है। हालांकि जिला प्रशासन लगातार ग्रामीणों को मतदान के लिए प्रेरित करने का काम कर रहा है। वहीं लंबे समय से सड़क निर्माण की राह देख रहे ग्रामीण अब बिना सड़क के वोट देने को तैयार नहीं है। जिसके बाद अब देखना यही होगा कि क्या ग्रामीण अपनी बातों पर अडिग रहते हैं या फिर मतदान कर लोकतंत्र के महापर्व का हिस्सा बनते है।

Rupesh Negi

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