हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में आगजनी और पत्थरबाजी की घटना के बाद स्थिति,घोषणा के 24 घण्टे के भीतर ही पुलिस चौकी स्थापित।
देहरादून– 8 फरवरी को हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में आगजनी और पत्थरबाजी की घटना हुई , इस घटना के बाद की स्थिति।
एसएसपी प्रहलाद मीणा ने की प्रेस कांफ्रेंस,दंगे के बाद पुलिस कार्यवाही की दी जानकारी,पुलिस ने आज 6 दंगाइयों को किया है गिरफ्तार,कब्जे में मुक्त कराई गई जमीन पर खोली गयी पुलिस चौकी, अब तक 36 दंगाइयों को गिरफ्तार कर चुकी है पुलिस,41 लाइसेंसी हथियारों को भी आज किया गया जप्त,पुलिस टीमें लगातार आरोपियों को गिरफ्तार करने में जुटी,मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर।
बनभूलपुरा क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के दौरान उपद्रवियों द्वारा पुलिस, प्रशासन, नगर निगम व मीडिया कर्मियों पर पथराव, आगजनी व गोलीबारी की हिंसक घटना के सम्बन्ध में थाना-बनभूलपुरा में 03 मुकदमे दर्ज किये गये हैं।
हिंसक घटना में संलिप्त उपद्रवियों की गिरफ्तारी के लिये प्रहलाद नारायण मीणा, एस0एस0पी0 नैनीताल द्वारा हरबन्स सिंह, एस0पी0सिटी हल्द्वानी के पर्यवेक्षण में वृहद स्तर पर विभिन्न टीमों का गठन किया गया है। पुलिस टीमों द्वारा घटनास्थलों के पास के CCTV के अवलोकन एवं अन्य साक्ष्यों के आधार पर घटनास्थलों के आसपास स्थित घरों में दबिश दी गयी और उपरोक्त मुकदमों में पूर्व में 30 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से अवैध हथियार व कारतूस बरामद किये गये। इसी कडी में पुलिस द्वारा बनभूलपुरा में घटित हिंसक घटना में संलिप्त शेष उपद्रवियों में से 06 उपद्रवियों को 02 अवैध तमन्चा, 06 जिन्दा कारतूस व 02 खोखे के साथ गिरफ्तार किया गया है।
1. शोएब पुत्र बब्बू खां नि0 लाईन न0-08, बनभूलपुरा, उम्र-29 वर्ष।
2. भोला उर्फ सोहेल पुत्र मौहम्मद ताहिर नि0 वार्ड नं0-24, बनभूलपुरा, उम्र-28 वर्ष।
3. समीर पाशा पुत्र शमीम पाशा नि0 वार्ड न0-15, जवाहरनगर, बनभूलपुरा, उम्र-21 वर्ष के कब्जे से *1 तमन्चा (12 बोर), 03 कारतूस जिन्दा व 02 खोखे।
4. जुनैद उर्फ इब्राहिम पुत्र मौहम्मद असगर उर्फ सूफी नि0 ताज मस्जिद, बनभूलपुरा के कब्जे से *1 तमन्चा (315 बोर), 03 कारतूस जिन्दा।
5. साहिल अन्सारी पुत्र मतलूब अन्सारी नि0 मलिक का बगीचा, बनभूलपुरा,उम्र-19 वर्ष।
6. शहनवाज उर्फ शानू पुत्र शरफराज नि0 इन्द्रानगर ठोकर, बनभूलपुरा, उम्र-26 वर्ष।
इसके अतिरिक्त उक्त हिंसक घटना के दृष्टिगत बनभूलपुरा क्षेत्र में कुल 120 लाईसैन्स धारकों के शस्त्र लाईसैन्स निरस्त किये जाने के आदेश के अनुपालन में पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए 41 शस्त्र जमा किये गये हैं।
बनभूलपुरा में हुई उक्त हिंसक घटना को मद्देनजर रखते हुए मुख्यमंत्री धामी द्वारा नया पुलिस थाना खोले जाने हेतु की गयी घोषणा के क्रम में तत्काल अनुपालन करते हुए प्रभावी सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था स्थापित करने के लिये नैनीताल पुलिस द्वारा उक्त अतिक्रमण स्थल पर घोषणा के 24 घण्टे के भीतर ही पुलिस चौकी स्थापित की गयी है। जिसका उद्घाटन हिंसा के दौरान घायल 02 महिला उपनिरीक्षकों द्वारा योगेन्द्र सिंह रावत, पुलिस उपमहानिरीक्षक कुमांयू परिक्षेत्र की उपस्थिति में कराया गया। चौकी में 01 उ0निरीक्षक व 04 कान्सटेबलों की तैनाती की गयी है तथा मौके पर पी0ए0सी0 व पैरामिलेटरी सुरक्षा बल भी तैनात किये गये हैं। साथ ही उक्त स्थल पर थाने के निर्माण हेतु प्रस्ताव शासन में भेजा जा रहा है। भविष्य में सभी राजकीय कार्य उक्त चौकी से ही सम्पादित किये जायेंगे।
हल्द्वानी एक पुराना शहर है। जिसमें पहाड़ से कारोबार के लिए लोग मंडी आया करते थे। उत्तर प्रदेश से बड़े पैमाने पर यहां व्यापार होता रहा है। हल्द्वानी की सब्जी मंडी भारत ही नहीं बल्कि एशिया की बड़ी मंडी में शुमार है। पुराने समय से अब्दुल मलिक और अब्दुल्ला बिल्डिंग दो नाम सुनते आ रहे हैं। अब्दुल मलिक परिवार का रसूख भी काफी रहा है। देश के जाने माने स्कूल बिड़ला स्कूल नैनीताल से पढ़ा लिखा है अब्दुल मलिक। स्कूल से निकाला भी गया अब्दुल मलिक । 19 मार्च 1998 को सपा नेता अब्दुल रऊफ़ सिद्दीक़ी की हत्या के मामले में भी बरेली के भोजीपुरा थाने में मलिक पर NSA के तहत मुक़दमा भी दर्ज हुआ था।
हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में पहले कुछ बड़े बगीचे हुआ करते थे। मलिक का बगीचा, पप्पू का बगीचा, नजाकत का बगीचा , काबुल का बगीचा , बगीचे अब खत्म हो गए है। अब बन गई हैं बस्तियां। मलिक के बगीचे की लीज अब्दुल मलिक परिवार के पास थी। जो बहुत समय पहले खत्म हो गई। जिस पर मलिक परिवार की लीज रिन्यू करानी थी। या फिर इसे फ्रीहोल्ड किया जाना था। लेकिन अब्दुल मलिक ने ये नहीं किया ।
इस जमीन पर मदरसा और नमाज़ स्थल बनाया गया। मदरसा कहीं भी पंजीकृत नहीं है, उत्तराखंड मदरसा बोर्ड, वक्फ बोर्ड और ना ही उत्तराखंड शिक्षा बोर्ड से मान्यता ली गई । फिर ये लीगल तो नहीं कहा जा सकता है।
अब नमाज़ स्थल की बात करते हैं। मैंने कई इस्लाम के जानकार लोगों से बात की जिनका कहना है की अगर किसी नमाज़ स्थल पर जुमे (शुक्रवार) की नमाज़ अता नहीं की जाती है तो वो मस्जिद नहीं कहलाती है। अब इस मालिक के बगीचे नमाज़ स्थल पर जुमा कायम नहीं है। मतलब जब कभी जुमे (शुक्रवार) की नमाज़ अता नहीं हुई तो फिर कैसे इसे मस्जिद बताया जा रहा है।
मलिक के बगीचे में 50 और 100 रुपए के स्टांप पेपर पर लोगों को जमीन बेची जा रही थी। मतलब अब्दुल मलिक उस सरकारी जमीन को धार्मिक स्थल की आड़ में बेच रहे थे। ये तो जायज़ नहीं कहा जा सकता है।
ऐसा लगता है कि मलिक का बगीचा और करोड़ों रुपए कमाने के चक्कर में अब्दुल मलिक ने इस क्षेत्र के लोगों को इस जमीन को बचाने में शेल्टर की तरह प्रयोग किया है।
एक आदमी की जमीन कब्जाने की वजह से पुलिस और प्रशासन, पत्रकार सभी गंभीर घायल हुए।
बड़े पैमाने पर पिछले 10 से 15 सालों में उत्तरप्रदेश की ओर से बड़े पैमाने में लोग बनभूलपुरा क्षेत्र में आए। हालात अब ऐसे हो गए हैं की बनभूलपुरा के पुराने बाशिंदे भी अब परेशान हैं।
बनभूलपुरा क्षेत्र में लाइन नंबर 8 और 17 बड़े व्यापारियों और कारोबारियों की है। ये इस क्षेत्र के पुराने बाशिंदे हैं। ये खुद भी मानते हैं कि अब भीड़ बहुत बढ़ने लगी है।