धामी सरकार के इन्वेस्टर्स समिट का हुआ समापन, इस वजह से की जा सकती है समिट की सफलता की उम्मीद।

धामी सरकार के इन्वेस्टर्स समिट का हुआ समापन, इस वजह से की जा सकती है समिट की सफलता की उम्मीद।
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देहरादून– राजधानी देहरादून में दो दिनों तक चले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का शनिवार को समापन हो गया है। आठ और 9 दिसंबर को ये ग्लोबल समिट देहरादून के एफआरआई में आयोजित हुआ, जिसमें देश-विदेश के कई नामी उद्योगपति शामिल हुए। वैश्विक निवेशक सम्मेलन के पहले दिन 44 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव पर सरकार ने निवेशकों के साथ करार किया है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रोड शो, प्रदेश में जिला स्तर पर मिनी रोड शो व विभागों के स्तर पर अब तक साढ़े तीन लाख करोड़ के निवेश पर एमओयू हस्ताक्षर किए जा चुके हैं।

पहले दिन देश के प्रधानमंत्री जहां इन्वेस्टर समिट में आये वहीं दूसरे दिन गृह मंत्री अमित शाह ने समिट में शिरकत की। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से सरकार को इस बार बड़ी उम्मीदें हैं। सीएम धामी पहले ही ये साफ कर चुके हैं की सिर्फ एमओयू ही नहीं बल्कि इनको ग्राउंड पर उतारने का काम किया जाएगा। वहीं प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन , रियल एस्टेट, हेल्थ केयर, उच्च शिक्षा, पर्यटन, फिल्म, आयुष, ऊर्जा क्षेत्र में निवेश प्रस्ताव पर एमओयू किए हैं। इसमें सरकार ने 44 हजार करोड़ के निवेश को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

ग्लोबल समिट के समापन पर सचिव सीएम विनय शंकर पांडेय और मीनाक्षी सुंदरम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दो दिनों तक चले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के बारे में जानकारी दी। दो दिवसीय कार्यक्रम में देश विदेश के इन्वेस्टर आये थे। करीब 28 से 30 विभिन्न देशों के इन्वेस्टर यहां पर शामिल हुए हैं। सभी महत्वपूर्ण सेक्टर में बात हुई है साथ ही लोगों ने भी अपनी जिज्ञासाएं भी रखी और अपने सवाल किये। अभी तक लगभग तीन लाख 44 हजार करोड़ के एमओयू साइन हो चुके हैं। इस बार इन्वेस्टर समिट में ग्राउंडिंग पर जोर दिया गया है। सीएम धामी के निर्देश पर,, रोजगार बढ़ाने वाले उद्योगों पर फोकस किया गया है।

धामी सरकार का मानना है कि इस बार इन्वेस्टर्स समिट से सबसे बड़ी उम्मीद इस वजह से भी की जानी चाहिए क्योंकि पहले ही दिन 44 हजार करोड़ की ग्राउंडिग की गई। सचिव सीएम मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि जिन निवेशकों ने समिट में भाग लिया है उनसे लगातार संपर्क बनाया रखा जाएगा और इसके लिए अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। आपको बता दें कि सबसे ज्यादा करार मैन्युफैक्चरिंग, एनर्जी सेक्टर सहित मेडिकल में किये गये हैं।

कुल मिलाकर देखा जाए तो इस बार प्रदेश में धामी सरकार के इन्वेस्टर्स समिट से उम्मीदें काफी हैं। हालांकि इससे पहले त्रिवेंद्र सरकार में 2018 के दौरान जो समिट हुआ था उसका खासा असर जमीन पर देखने को नहीं मिला था। लेकिन सरकार जिस तरह से इस बार अपनी तैयारी के दावे कर रही है उसको देखते हुए उम्मीद तो की ही जा सकती है।

Rupesh Negi

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