राजधानी देहरादून समेत कई मंदिरों में लागू हुआ ड्रेस कोड,

राजधानी देहरादून समेत कई मंदिरों में लागू हुआ ड्रेस कोड,
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देहरादून– अखाड़ा परिषद ने हरिद्वार, देहरादून और पौड़ी के मुख्य शिवालयों में मर्यादित कपड़े पहनने को लेकर आदेश जारी किया है। जिसके समर्थन में श्री बद्री केदार मंदिर समिति भी सामने आई है। दक्षिण भारत के कई मंदिरों में विशेष वस्त्र पहनकर ही पूजा अर्चना की जा सकती है। लेकिन उत्तर भारत के कई मंदिरों में पूरे कपड़े तो छोड़िए भक्त कुछ भी पहनकर दर्शन के लिए पहुंच रहे है। ऐसे में अब अखाड़ा परिषद ने चार शिवालयों दक्ष प्रजापति मंदिर हरिद्वार, नीलकंठ महादेव मंदिर पौड़ी, टपकेश्वर महादेव देहरादून और पृथ्वीनाथ मंदिर देहरादून में 80 फीसदी से ज्यादा कपड़े पहनकर आने वाले भक्तों को ही प्रवेश देने का फैसला किया है।

अखाड़ा परिषद का निर्देश आने के तत्काल बाद देहरादून के प्रसिद्ध टपकेश्वर महादेव मंदिर में बैनर लगाकर ऐसे भक्तो के प्रवेश पर रोक लगाने का फैसला किया गया है। जिन्होंने मर्यादित कपड़े नही पहने है। वहीं मंदिर के मुख्य महंत का साफ कहना है की भक्त अगर मंदिर में आता है तो भगवान के दर्शन के लिए और पुण्य कमाने। लेकिन आपके अपने वस्त्र भी शालीन होने चाहिए। मंदिर में आप आपने शरीर की नुमाइश करने नही आ रहे है। जिसके चलते यह व्यवस्था बनाई गई और आगे इसको सख्त तरीके से लागू किया जाएगा।

लंबे समय से देवभूमि उत्तराखंड के मंदिरों में भक्तो के कपड़ो को लेकर सवाल खड़े हो रहे है। मंदिरों से जुड़े प्रमुख लोगो का कहना है की भक्त मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए आते है लेकिन पहनावा सभी को शर्मशार करने का काम करता है। ऐसे में इसकी रोकथाम होना बेहद ही जरूरी है। वहीं अखाड़ा परिषद के फैसले का श्री बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष ने स्वागत किया है। तो वहीं विपक्षी दल कांग्रेस की प्रवक्ता का भी कहना है की मंदिर में प्रवेश के लिए मर्यादित कपड़े होना बेहद ही जरूरी है।

देवभूमि के इन मंदिरों में भक्तों के प्रवेश पर लगा बैन

मंदिर में आना होगा तो मर्यादित कपड़ो को पहनना होगा

अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जारी किया बयान

दक्ष प्रजापति मंदिर हरिद्वार, नीलकंठ महादेव मंदिर पौड़ी, टपकेश्वर महादेव मंदिर और पृथ्वीनाथ मंदिर देहरादून में लगी पाबंदी

आधे अधूरे कपड़े पहनकर आने वाले भक्तों को नहीं दिया जाएगा मंदिर में प्रवेश

देवभूमि के 04 प्रमुख मंदिरों में अमर्यादित भक्तों पर लगा बैन

हरिद्वार में विश्वप्रसिद्ध दक्ष प्रजापति और ऋषिकेश के नीलकंठ मंदिर मे अब छोटे वस्त्र पहन कर आने वाली युवतियों को प्रवेश नहीं मिलेगा। महानिर्वाणी अखाड़े से जुड़े इन मंदिरों में यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है। इन मंदिरों में केवल उन्हीं युवतियों को प्रवेश दिया जाएगा जिनका शरीर 80 प्रतिशत ढका होगा। दरअसल इन मंदिरों में कम कपड़े पहन कर आने वाली युवतियों को पहले भी कई बार रोका गया जिससे कि अव्यवस्था फैली ऐसे में अब विधिवत रूप से घोषणा की गई है कि मंदिर में आते समय वस्त्रों का ध्यान रखा जाए। महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रविन्द्र पुरी के अनुसार धार्मिक स्थानों पर जाते समय हमे मर्यादा में रहना चाहिए। लिहाजा अगर कोई युवती कम कपड़ों में यहां आई तो उसे प्रवेश नही दिया जाएगा।

राजधानी के देहरादून में गढ़ी में महादेव का मंदिर है जंहा पोस्टर लगा के सूचना दी गई है,व मौखिक रूप से भी बताया जा रहा है, हरिद्वार के कनखल में स्थित दक्ष प्रजापति मंदिर और पौड़ी जिले में स्थित नीलकंठ महादेव का मंदिर है।

महानिर्वाणी अखाड़े की तरफ से महिलाओं और युवतियों से अपील की गई है कि अगर वो मंदिर में पूजा पाठ के लिए आ रही हैं, तो भारतीय सभ्यता के अनुसार कपड़े पहन कर आएं, तभी उन्हें मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने बताया कि अखाड़े की ओर से मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि देवालय एक आत्मरंजन का स्थान है न कि मनोरंजन का।

श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने युवतियों और महिलाओं के साथ उनके परिजनों से भी अपील की है कि वे कम से कम 80 % अंग ठक कर ही मंदिरों में आएं, उन्होंने बताया कि दक्षिण भारत और महाराष्ट्र के मंदिरों में तो यह व्यवस्था पहले से ही लागू है, अब यह व्यवस्था यहां भी लागू की जा रही है, ताकि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी असहज स्थिति का सामना न करना पड़े, बता दें कि यूपी के भी कई मंदिरों ने इस तरह के नियम लागू किए गए हैं।

Rupesh Negi

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